कुंडली में मंगल दोष का विवाह पर असर
कुंडली में मंगL दोष के कारण विवाह पर पड़ने वाले असर को जानें। जानिए उपाय और समाधान जो इस दोष को दूर करने में मदद कर सकते हैं। "विवाह"
8/30/20251 min read


कुंडली में मंगल दोष की परिभाषा
मंगल दोष, ज्योतिष के अनुसार, एक ऐसी स्थिति है जो तब उत्पन्न होती है जब किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति कमजोर होती है। इसे मंगली दोष भी कहा जाता है। आमतौर पर, यह तब होता है जब मंगल ग्रह कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होता है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, मंगल को युद्ध और ऊर्जा का ग्रह माना जाता है। यदि यह ग्रह कमजोर होता है, तो यह किसी व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, विशेष रूप से विवाह के संदर्भ में।
मंगल दोष को विवाह में आने वाली चुनौतियों से जोड़ा जाता है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में यह दोष होता है, तो संभावित दांपत्य जीवन में कई समस्याएँ आ सकती हैं। इन समस्याओं में मानसिक तनाव, पारिवारिक कलह, और विवाह में देरी शामिल हो सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि मंगल दोष होने पर विवाह में सहमति प्राप्त करना कठिन हो सकता है, और यह अक्सर रिश्तों को प्रभावित कर सकता है।
ज्योतिष में, मंगल की स्थिति को ध्यान में रखकर कई उपाय बताए गए हैं। यह उपाय प्रवृत्तियों के अनुसार व्यक्ति को इन नकारात्मक प्रभावों से बचाने के लिए बनाए जाते हैं। मंगल दोष का सही समय पर समाधान करना न केवल दांपत्य जीवन को सुखमय बना सकता है, बल्कि व्यक्ति के मानसिक और भावनात्मक संतुलन को भी बनाए रख सकता है। इस प्रकार, कुंडली में मंगल दोष का अध्ययन करना न केवल ज्योतिष ज्ञान का एक आवश्यक हिस्सा है, बल्कि यह भी समझने में मदद करता है कि विवाह पर इसका क्या प्रभाव हो सकता है।
मंगल दोष के प्रभाव
मंगल दोष, जिसे अंगारक दोष भी कहा जाता है, कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति से संबंधित होता है। यह दोष विभिन्न प्रकार की समस्याओं का निर्माण कर सकता है, विशेषकर विवाह के संदर्भ में। आमतौर पर, लोकेशन और ग्रहों की स्थिति के आधार पर, विवाह में देरी एक सामान्य प्रभाव है। मंगल दोष से प्रभावित व्यक्ति को विवाह के प्रस्ताव मिलने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है, जिससे मानसिक तनाव उत्पन्न होता है।
इसके अलावा, मंगल दोष के कारण विवाह के बाद जीवनसाथी के बीच विवाद और झगड़े होने की संभावना भी बढ़ जाती है। यह असहिष्णुता और परेशानियों का कारण बन सकता है, जो संबंधों में तनाव का कारण बनता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी व्यक्त की कुंडली में मंगल दोष है, तो वह अपने जीवनसाथी के साथ छोटी-छोटी बातों पर झगड़ सकता है, जिससे विवाह संबंध में खटास आ सकती है।
मंगल दोष का एक अन्य प्रभाव यह है कि इससे रिश्तों में टूटने की संभावना भी बढ़ जाती है। उजागर किया गया है कि कई बार मंगल दोष के कारण जोड़े अपने रिश्ते को बनाए रखने में असमर्थ होते हैं। यह स्थिति न केवल वैवाहिक जीवन को प्रभावित करती है, बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों के बीच भी तनाव उत्पन्न कर सकती है। इस प्रकार, मंगल दोष के प्रभावों से सभी संबंधित व्यक्ति प्रभावित होते हैं, और यह जरूरी है कि इस विषय पर ध्यान दिया जाए।
इसलिए, मंगल दोष को हल करने के लिए विशेषज्ञों की सलाह लेना और उपयुक्त उपायों का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण है। इससे विवाह में आने वाली समस्याओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है और वैवाहिक जीवन को सामान्य रखा जा सकता है।
मंगल दोष के उपाय
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष होता है, तो यह उसके विवाह और पारिवारिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में, ज्योतिष शास्त्र में कई उपाय प्रस्तुत किए गए हैं, जिन्हें अपनाकर मंगल दोष को कम किया जा सकता है। ये उपाय धार्मिक अनुष्ठानों, मंत्रों के जाप, और व्यक्तिगत प्रयासों के माध्यम से प्रभावी रूप से किए जा सकते हैं।
एक प्रमुख उपाय हनुमान जी की आराधना है। हनुमान जी को शक्ति, साहस और समस्या से उबरने के लिए जाना जाता है। नियमित रूप से मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मंगल दोष के प्रभाव में कमी आ सकती है। इसी तरह, अन्य हनुमान मंत्रों का जाप भी किया जा सकता है।
इसके अलावा, विभिन्न ज्योतिषीय मंत्रों का भी जाप किया जा सकता है। जैसे कि 'ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नम:' मंत्र का प्रतिदिन जाप करने से मंगल के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है। भौम ग्रह की शक्ति को संतुलित करने के लिए उपयुक्त समय पर इन मंत्रों का जाप करना सहायक हो सकता है।
अनेक लोग विश्रांति के उपायों को भी अपनाते हैं, जैसे कि लाल वस्त्र पहनना, लाल चंदन का तिलक करना, और प्रतिदिन लाल रंग का फल या फूल चढ़ाना। ये छोटे लेकिन प्रभावी कदम मंगल दोष को कम करने में सहायक होते हैं। इस प्रकार, विभिन्न उपायों के माध्यम से व्यक्ति अपनी कुंडली में मंगल दोष के नकारात्मक प्रभावों का सामना कर सकता है और विवाह के मार्ग में उपस्थित बाधाओं को दूर कर सकता है।
समाधान और आगे की दिशा
मंगल दोष से प्रभावित व्यक्तियों के लिए कई समाधान उपलब्ध हैं जो नकारात्मकता को दूर करने और जीवन में सकारात्मकता लाने में सहायता कर सकते हैं। सबसे पहले, व्यक्तिगत प्रयासों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ध्यान, योग, और सकारात्मक सोच के अभ्यास करने से एक व्यक्ति न केवल अपने भीतर की नकारात्मकता को मिटा सकता है, बल्कि अपने आस-पास का वातावरण भी सकारात्मक बना सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति स्वयं को इस दोष के प्रभाव से मुक्त करने के लिए नियमित ध्यान और आत्म-विश्लेषण का अभ्यास करें।
इसके अलावा, ज्योतिषी से सलाह लेना एक महत्वपूर्ण कदम है। योग्य ज्योतिषियों से मार्गदर्शन प्राप्त करने से व्यक्ति यह समझ सकता है कि उसे किस प्रकार के उपायों की आवश्यकता है, जैसे कि विशेष पूजा, रुद्राभिषेक, या अन्य अनुष्ठान। कुछ ज्योतिषी मंगल दोष के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए विभिन्न प्रकार के रत्नों या तंत्र का भी सुझाव देते हैं। यह सलाह व्यक्ति के कुंडली के आधार पर विशेष रूप से निर्धारित की जाती है।
शादी के समय का चयन भी मंगल दोष के संदर्भ में महत्वपूर्ण हो सकता है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, सही समय और तिथि का चुनाव करने से विवाह संबंधी समस्त नकारात्मकताओं का सामना करने में मदद मिल सकती है। इसीलिए, एक उच्च योग्यता वाले ज्योतिषी से सही समय का सुझाव लेना आवश्यक होता है।
अंततः, एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाते हुए, व्यक्तिगत प्रयासों और ज्योतिषीय मार्गदर्शन के सहारे, मंगल दोष के प्रभाव को कम करने का प्रयास किया जा सकता है। इस तरह की सकारात्मकता न केवल विवाह के लिए सहायक हो सकती है, बल्कि जीवन के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी सफलता का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
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